सरफ़राज़ खान की जीवनी, संघर्ष और आय | Sarfaraz Khan Biography in Hindi

सरफ़राज़ खान की जीवनी, संघर्ष और आय | Sarfaraz Khan Biography in Hindi

आज हम एक ऐसे उभरते हुए क्रिकेटर की बारे में बात करने जा रहे हैं जिसकी बल्लेबाज़ी देख कर क्रिस गेले विराट कोहली अब दे विल्लियर्स और डेविड वार्नर जैसे दिग्गज भी इनके मुरीद हैं. दोस्तों हम बात करने जा रहे हैं क्रिकेटर सरफ़राज़ खान की| इस वीडियो में हम आपको बताएंगे उनकी फॅमिली पर्सनल लाइफ स्ट्रगल और अभी तक के क्रिकेटिंग करियर के बारे में| सबसे पहले नज़र डालते हैं सरफ़राज़ की पर्सनल लाइफ के ऊपर|

सरफ़राज़ खान की जीवनी, Sarfaraz Khan

दोस्तों सरफ़राज़ खान का जनम २७ अक्टूबर १९९७ को मुंबई महाराष्ट्र इंडिया में हुआ| सरफ़राज़ के पिता का नाम नौशाद खान है जो खुद एक क्रिकेट कोच हैं और सरफ़राज़ को क्रिकेट की कोचिंग भी उन्ही से मिली| उनकी माँ का नाम तबस्सुम खान है जो एक हाउस वाइफ है| सरफ़राज़ के २ बड़े भाई भी हैं मुशीर खान और मोईन खान सरफ़राज़ इस्लाम रिलिजन से तालुक्क रखते हैं और म्यूजिक सुन न उनकी हॉबी है.दोस्तों अब नज़र डालते हैं उनकी क्रिकेट से जुडी कुछ बातों पर.सरफ़राज़ अब तक इंडिया अंडर १९ मुंबई मुंबई अंडर १९ और रॉयल छल्लांगेरस बंगलोरे टीम के लिए खेल चुके हैं| सरफ़राज़ एक एग्रेसिव क्रिकेटर हैं. इनके रिकार्ड्स पर नज़र डालें तो इन्होने हर्रिस शील्ड मैच में ४३९ रन्स बनाकर मुंबई इंटरस्कूल टूर्नामेंट का हाईएस्ट स्कोर का रेकेद भी तोरा जो पहले सचिन तेंदुलकर के नाम था| अंडर १९ वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा हाफ संतुरिएस बनाने का रिकॉर्ड भी सरफ़राज़ के नाम है|

इसके इलावा ये आईपीएल में खेलने वाले ये सबसे काम उम्र के खिलाडी भी बने उन्हें २०१५ में रॉयल छल्लांगेरस बैंगलोर ने ५० लाख में खरीदा था| २०१५ का आईपीएल सीजन भी सरफ़राज़ के लिए ाचा रहा| राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ उनकी २१ गेंदों में ४५ ऋणों की पारी अभी भी याद की जाती है. इस के इलावा अंडर १९ वर्ल्ड कप में ६६ गेंदों में बनये गए १०१ रन्स उनके करियर में टर्निंग पॉइंट बैंकर सामने आये| इसके इलावा इनके करियर की कॉन्ट्रोवर्सीज की बात करें तो गलत उम्र बताने के कारन उन्हें मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने एक बार ससपेंड भी किया था| और २०१५ आईपीएल में रोबिन उथप्पा के साथ झगड़ा भी काफी सुर्ख़ियों में रहा. एग्रेसिव नेचर होने के कारन उन्हें हमेशा दिक्कतों से जूझना पड़ा| इसके लिए सरफ़राज़ के फादर उन्हें स्पोर्ट्स साइकेट्रिस्ट डॉ. मुग्धा बावरे के पास भी लेकर गए जिस से उनकी नेचर में काफी सुधर भी आया| दोस्तों अभी तो सरफ़र्ज़ का सफर शुरू हुआ है| देखना ये है की भारतीय टीम में इस होनहार को कब एंट्री मिलती है| उम्मीद करते हैं के वोट से ही दिन दुगनी और रात चौगुनी तरक्की करते रहे और अपने सपनो को साकार करें.दोसत अभी के लिए सिर्फ इतना ही|

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